

उप्र लोकसेवा आयोग द्वारा 1045 पदों के लिए लिखित परीक्षा कराई थी, उसमें पुरुष व महिला दोनों को मिलाकर केवल 84 अभ्यर्थी ही परीक्षा को पास कर पाए हैं। 961 पदों के लिए योग्य अभ्यर्थी ही नहीं मिले ।
इस परिणाम के आने के बाद विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थियों में सन्नाटा पसरा हुआ है,कि आखिर उत्तर प्रदेश में विज्ञान के शिक्षक बनने के योग्य अभ्यर्थी ही नहीं हैं, जबकि परीक्षा 15436 अभ्यार्थियों ने दी थी ।
रिजल्ट में 571 पदों के सापेक्ष 80 अभ्यर्थी ही सफल हो सकें हैं, महिला वर्ग की दशा इतनी बुरी है की इसे शर्मनाक कहा जाना चाहिए ,महिलाओं के 474 पदों के सापेक्ष केवल 4 महिलायें सफल हो सकी हैं ।
इसके सम्बन्ध में पूर्व शिक्षकों और वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों का कहना है कि विज्ञान वर्ग की बुरी हालत प्रदेश में लम्बे समय से हो रही नकल का परिणाम है , विद्यार्थी केवल पास होने के लिए पढ़ते हैं और बाद में विज्ञान वर्ग की तैयारी के लिए सही मार्गदर्शन नहीं मिलता ।
कारण जो भी रहा हो लेकिन प्रदेश में विज्ञान शिक्षकों के पद एक बार फिर खाली रह गए हैं, जो प्रदेश में कई वर्षो तक विज्ञान के पठन-पाठन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने का कारण बनेगा ।