राम मंदिर केस : सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट अयोध्या में राम मंदिर

राम मंदिर के दशकों पुराने विवाद में आज देश की सर्वोच्य न्यायालय ने अपना निर्णय दे दिया हैं , सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से अपना फैसला सुनाया हैं , इसके अनुसार अयोध्या में विवादित जमीन हिन्दू पक्ष को दी जायेगी , और मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन अलग से दी जायेगी , जहाँ पर वो मस्जिद निर्माण कर सकते हैं , इस फैसले में ASI की रिपोर्ट को प्रमुख ग्राउंड माना गया है । इस फैसले के बाद वर्षों पुराने साम्प्रदायिक विवाद के समाप्त होने की उम्मीद की जा रही है ।

प्रमुख तथ्य

 

  •  ASI की रिपोर्ट के अनुसार मस्जिद ने नीचे एक ढांचा था जो गैर इस्लामिक है , अर्थात मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी ।
  • सबूत पेश किए गए हैं कि हिंदू बाहरी आहते में पूजा करते थे. विश्वास एक व्यक्तिगत एक मामला है ।
  • सुन्नी वक्फ बोर्ड अपना दावा साबित नहीं कर पाया।
  • निर्मोही अखाड़ा के दावे को भी कोर्ट ने नहीं माना।
  • केंद्र सरकार तीन महीने में योजना तैयार करेगी. योजना में बोर्ड ऑफ ट्रस्टी का गठन किया जाएगा ।
  •  केंद्र या राज्य सरकार अयोध्या में ही मस्जिद के लिए सूटेबल और प्रॉमिनेंट जगह ज़मीन देगी ।
  • सरकार को मंदिर बनाने के लिए ट्र्स्ट बनाना होगा ।
  • हिंदू परंपरा के अनुसार, भगवान को वैध व्यक्ति माना गया है, जिनके अधिकार और कर्तव्य होते हैं। ईश्वर किसी संपत्ति के मालिक भी हो सकते हैं। साथ ही वे किसी पर मुकदमा दर्ज कर सकते हैं या उनके नाम पर मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है।
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